Shri Krishna Janmashtami 2021: जन्माष्टमी पर ऐसे करें भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार, रखें इन चीजों का साथ
हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण की जयंती मनाने का विधान है।
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Shri Krishna Janmashtami 2021: जन्माष्टमी के दिन पूरे श्रृंगार के साथ उनकी पूजा करने से भगवान कृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
Shri Krishna Janmashtami 2021: हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को हर साल भक्तों द्वारा जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का महत्व न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी है, जहां भगवान कृष्ण के भक्त भव्य झांकियां निकालते हैं और उनकी पूजा करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अगस्त-सितंबर के महीने में आता है। वर्ष 2021 में यह पर्व 30 अगस्त (सोमवार) को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं,
रात भर भगवान की पूजा करें और फिर पारन मुहूर्त के अनुसार भगवान को भोग लगाकर व्रत तोड़ने की परंपरा का पालन करें। कई हिंदू धर्मग्रंथों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत को ‘व्रतराज’ की उपाधि दी गई है, जिसके अनुसार इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को पूरे वर्ष उपवास करने से अधिक शुभ फल प्राप्त होते हैं।
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जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त और समय
श्री कृष्ण जन्माष्टमी – 30 अगस्त (सोमवार)
निशीथ पूजा मुहूर्त- 23:59:27 अपराह्न से 24:44:18 अपराह्न
अवधि- 44 मिनट
जन्माष्टमी पारन मुहूर्त – 31 अगस्त को सुबह 05:57:47 बजे के बाद
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्रद्धालु सुबह से ही अपने घरों की साफ-सफाई कर इस पर्व को मनाने की तैयारी करते हैं. उन्हें सजाने के लिए वे तरह-तरह के कपड़े और अन्य सामान लाते हैं। मान्यताओं के अनुसार जन्माष्टमी के दिन पूरे श्रृंगार के साथ भगवान कृष्ण की पूजा करने से उन्हें बहुत खुशी मिलती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार कैसे करें और इसमें किन-किन चीजों का प्रयोग किया जाता है।
जन्माष्टमी पर ऐसे करें भगवान कृष्ण का श्रृंगार
पालना या झूला (जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल रूप की पूजा करने का विधान है)
कपड़े या कपड़े
मोर पंख मुकुट
पंचजन्य शंख
बांसुरी
सुदर्शन चक्र
कुंडल-मणि
माला
तेज धनुष
पायल या पगनी
गड़ा (कृष्ण कौमुदकी गदा, नंदक खडगा और जैत्रा नामक रथ रखते थे, जिनके सारथी का नाम दारुक/बाहुक था)
कान्हा को गाय, तुलसी, माखन मिश्री, पीपल, पंजरी पसंद है।
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ये चीजें भगवान श्री कृष्ण को बहुत प्रिय हैं। वे उन्हें अपने पास रखते हैं। इसलिए भक्त भगवान कृष्ण को भी इन चीजों से सजाते हैं। इससे वह भक्तों पर बहुत प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा और आशीर्वाद की वर्षा करते हैं।